वो बच्चा पुकारता रहा ...
उसने प्यारी सी आवाज़ में पुकार कर देखा,
अपनी माँ को
माँ ने सुना नहीं तो फिर पुकारा
इस बार ज़रा तेजी से,
थोड़ा सहम कर, डर कर
माँ ने फिर भी न सुना
जकड़ी हुई थी उस मासूम को अपनी बाहों में
रोड के किनारे पड़े उस शव को,
कोई देख न रहा था
अब बच्चा बिलबिला सा गया
और रोने लगा
प्यार से हाथ भी फेर रहा था,
अपनी माँ के गालों में
लोगों को क्या पड़ी थी इससे
मदमस्त होकर चले जा रहे थे
घर जाकर अपना पसंदीदा टीवी सीरियल देखना था
कान में ठूसे थे ईरफ़ोन,
रेडियो के कार्यक्रम सुनते हुए
जो नजर पड़ी तो मुँह फेर लेते थे
हाँ,
कुछ लोगों ने देखकर पॉलिटिशियन्स को गाली बकि थी
और कुछ ने माँ को बददुआ दी
क्या करती बेचारी माँ
अत्यंत भूख से मर गयी थी उस रात नींद में
बच्चे को वैसे ही जकड़ा रहा बाहों में
अभी घुटनों के बल ही चल सकता था वो
तीन दिन तक,
कभी रोता,
और कभी थक कर सो जाता
फिर वो भी,
भूख प्यास से हारकर दम तोड़ दिया।।
अपनी माँ को
माँ ने सुना नहीं तो फिर पुकारा
इस बार ज़रा तेजी से,
थोड़ा सहम कर, डर कर
माँ ने फिर भी न सुना
जकड़ी हुई थी उस मासूम को अपनी बाहों में
रोड के किनारे पड़े उस शव को,
कोई देख न रहा था
अब बच्चा बिलबिला सा गया
और रोने लगा
प्यार से हाथ भी फेर रहा था,
अपनी माँ के गालों में
लोगों को क्या पड़ी थी इससे
मदमस्त होकर चले जा रहे थे
घर जाकर अपना पसंदीदा टीवी सीरियल देखना था
कान में ठूसे थे ईरफ़ोन,
रेडियो के कार्यक्रम सुनते हुए
जो नजर पड़ी तो मुँह फेर लेते थे
हाँ,
कुछ लोगों ने देखकर पॉलिटिशियन्स को गाली बकि थी
और कुछ ने माँ को बददुआ दी
क्या करती बेचारी माँ
अत्यंत भूख से मर गयी थी उस रात नींद में
बच्चे को वैसे ही जकड़ा रहा बाहों में
अभी घुटनों के बल ही चल सकता था वो
तीन दिन तक,
कभी रोता,
और कभी थक कर सो जाता
फिर वो भी,
भूख प्यास से हारकर दम तोड़ दिया।।
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