इल्म हुआ, एह्साह भी

सन्नाटा वहीं,
वहीं जो रूह को दहला देता है,

आवाज़ वही,
वही जो आसमान को सन्न कर दे,
चुप कर दे…
काँपने में मजबूर कर दे

रौशनी वही,
वही जो अँधेरा हर ले जाए,
और जो हरने मात्र जलाई हो

प्रेम वही,
वही जो नफरत न रहने दे,
बिलकुल भी नहीं
कण मात्र भी नहीं

जल वही,
वही की,
प्यास को प्यासा कर दे
प्यास प्यासी हो जाए

तुम्हारा साथ वही
वही की जन्नत भुला जाए

हां
हां, वही एहसास
वही, वो जीने का तरीका
तरीका, की कोई तरीका न हो

वही
बस वही

वादा करो, नहीं
कसम खाओ
की
ऐसे ही रहोगे

ऐसे ही ...

Comments

Popular posts from this blog

Our visit to Shanti Bhavan - Nagpur

Morning travel tale in Mumbai local

Ride and the Kalsubai Trek