पंजाबी

दुकान का मालिक उसको 'पंजाबी' कहके सम्बोधित करता था. 'पंजाबी रोटी बेल.., पंजाबी आज क्या बना रहा हैं, पंजाबी परांठे बना जल्दी..' पंजाबी के हाथों में जादू था. उसको किसी डिग्री या कोर्स की जरूरत नहीं पड़ी थी खाना बनाने की कला को सीखने के लिए. वो अपने हिसाब से बनाता था. ग्राहक अपनी ऊँगली भी चाट जाते थे. वो इस दुकान से उस दुकान को जो हो, भीड़ भी वही होती थी.. 

पंजाबी एक माइग्रेंट वर्कर हैं. वो भारत के एक पिछड़े राज्य का रहने वाला हैं. उसने लगभग दस राज्यों में काम किया हैं, तब से जब वो दस साल का था. उसे इन सब राज्यों के बारे में कुछ कुछ मालूम हैं. वो जानता हैं की वहाँ के लोग क्या बोलते हैं, क्या खाना पसंद करते हैं, वहाँ आसपास घूमने को क्या हैं.. उसे भारत का नक्सा ना ही देखा हो, लेकिन कौन सा शहर किसके बाद और पहले उसके रास्ते में पड़ता हैं उसे मालूम हैं.. 

पंजाबी की कद काठी पाँच-पाँच होगी और वजन कुछ पचास किलोग्राम. उसकी रंग-उडी कमीज हमेशा फटी हुई मिलती हैं, कभी आस्तीन से, कभी कालर की तरफ... वो एक-कमरे वाली दुकान के ऊपर की छत पर सोता हैं. उसके दो तीन जोड़ी बिना इस्त्री किये कपड़े एक पन्नी में सिकुड़े बंधे रहते हैं. उसको दिन भर के काम से फुर्सत ही कहा.. 

लॉकडाउन हुआ हैं. लोग अपने घरों से नहीं निकलते. दुकानें बंद हैं. सड़के सूनसान हैं. पंजाबी शटर गिरी एक कमरा दुकान में कैद हैं. दुकान के सामने गुजरने से शटर के कोनो से नीली रौशनी दिखाई पडती हैं. आसपास की कुछ दुकानों में और भी ऐसे ही लोग कैद हैं. ज्यादा अकबका जाने से वो छत पे खड़ा हो जाता हैं और एक सूखे पेड़ की तरह झिलमिल ईमारतो को देखता हैं, वहाँ की आवाज़ को सुनता हैं, नीचे गुज़रते लोगों को भी. उसकी आँखें गहराई हुई लगती हैं. मुझे नहीं मालूम की वो अकेला हैं की परेशान हैं.. की ख़ुश ही हैं.. ये भी नहीं मालूम की उसे इस महीने की तनख्वाह मिली भी हैं की नहीं. वो अपने घर में कभी कभी फ़ोन लगा लेता हैं, ज़ोरों से हस्ता बात करता हैं. हसीं घिसी हुई बैठी हुई आवाज़ के साथ निकलती हैं. कुछ समय पड़े पड़े नीले काले अम्बर को निहारते रहता हैं.. 

भूख जब हर वक़्त लगने लगे तो मालूम नहीं होती.. भारत साधुओ का देश हैं. भारत भुखमरी से जूझतें लोगों का भी देश हैं.. 

'पंजाबी, अपने मूल अधिकारों को जानता हैं जो इस देश के संविधान ने तुझे दिए हैं?' वो इधर उधार निहारता हैं और हलकी हसीं के संग संकोच से प्रतिउत्तर करता हैं, 'जियो और जीने दो'.. 


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