बबली, दिलशाद और कोरोना

सुबह सुबह से ही पुलिस की पाँचवी चौकसी लग चुकी थी. लोगों का जत्था सायरन की गूँज सुनते ही दरवाजे के भीतर को हो लेता था और आवाज़ के शिथिल होते ही लोग बहादुरी के साथ दांत दिखाते हुए बाहर आ जाते थे और बतियाने लगते थे.

विभिन्न बुद्धिजीवीयों का मानना हैं की देश एक अति दुर्लभ स्थिति से गुज़र रहा हैं. आने वाले दिनों में भारत की अर्थव्यवस्था बड़ी चुनौतीयों के साथ गुजरेगी. दुनिया भर में अब तक 17 लाख से भी ज्यादा लोग कोरोनावायरस से ग्रसित हो चुके हैं और 1.2 लाख से ज्यादा लोगों ने जान गवा दी हैं. करीब एक तिहाई विश्व की जनसंख्या को 'सोशल डिस्टैन्सिंग' के तौर पर घरों से निकलने की पाबंदी हैं. भारत भी इसी तर्ज पे हैं. ये काफी हद तक कारगर हुआ हैं. और देशों की अपेक्षा भारत में अभी तक दास हजार केसेस ही सामने आये हैं. हालांकि हमारे स्वास्थ्य व्यवस्था की बंजर हालत के चलते हम अभी तक दो लाख टेस्ट ही कर पाए हैं. वही अगर दूसरे देशों की अपेक्षा अमरीका 24 लाख टेस्ट कर चुका हैं... 

बबली दूध आदि सामग्री लेने बाहर जाते वक़्त मास्क इसलिए नहीं लगाती की उसे लगता हैं की औरों ने भी तो नहीं लगाया हैं. वो जरूरत से ज्यादा समय के लिए बाज़ार में रहती हैं, इसलिए की वहाँ और लोग भी तो खड़े बतिया रहे हैं. पुलिस के आते ही वो हसते मटकते खिलखिला के दौड़ कर अंदर भागने लगते हैं. उनके जाते ही अट्टहास होता हैं और लोग घरों से बाहर कूद पड़ते हैं. 

बबली अपने चार मंजिला ईमारत की छत के एक कमरे में अपने पिताजी के साथ रहती हैं. वो यहाँ कुछ घरों में साफ सफाई का काम करती हैं. उसने अभी तक कोई भी बैंक में अकॉउंट नहीं खोला हैं. उसे इसकी जरूरत नहीं लगी. उसकी सारी कमाई उसके कमरे में रखे एक पेटी में कैद हैं. उसका नीचे आने का एक कारण यह भी हैं की उसे ऊपर बैठे ख़याल खाये रहते हैं. उसने पीछे लगभग एक महीने से कुछ नहीं कमाया हैं. नीचे वो और लोगों से बात करने की फिराक में रहती हैं, अपनी चिंता साझा करने के लिए... 

उसका ये भी मानना हैं की मु**** लोगों के चलते ये तबाही मची हैं. उसने कहा की 'सब यही कह रहे हैं'... सब यही क्यू कह रहे हैं? उसने कहा की मीडिया में भी यही दिखा रहा हैं... 

हाल ही में मोहम्मद दिलशाद नामक एक व्यक्ति ने अपने कमरे में फ़ासी लगा के अपनी जान दे दी. वो गांव समाज के लोगों के टॉन्ट से शायद थक चुका था. उसने वायरस की जांच कराई थी जो की नेगेटिव थी. फिर भी लोग... उसने एक कागज में लिखा, 'मेरी किसी भी से दुश्मनी नहीं'.




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