तू कौन

अँधेरा छटेगा
मौसम बनेगा
दिल लगेगा
मन उठेगा

ये काली घटा
ओ नीला समां

पत्थर की इमारतें
मेरा ये दिल

मैं खिलखिलाया
हवा लहराई
मिटटी की खुशबू
समुन्दर की लहरें
रात ये रात
चाँद और तारें
पिया तू मेरी
राजा मैं तेरा

देख तू देख
आदमी और औरत
भाग रहे
इधर उधर

न जाने क्यूँ
न जाने क्यूँ

मैंने बिगाड़ा तो मैं सुधाराउँगा
तू कौन
ए लाचारी
तू कौन
ए लाचारी, ए लाचारी, तू कौन
तू... ए...चल फुट

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