सन्नाटा ही रहने दो
और तो ये सन्नाटा
पुराने गाने भी
पर अजीब से लोग
अब रातें ठंडी होने लगी है यहाँ
यहाँ इस बड़े शहर में
हां, मन थोड़ा परेशान सा है अब
किस शहर को अपना बनाये?
किस शहर का हो जाए?
वही देर रात में, या फिर सुबह सुबह
जब लोग सो रहे होते है
और भरे सन्नाटे में,
जब रेलगाड़ी की सीटी सुनाई पड़ती है
मैं कई शहर की सैर कर लेता हु
कई लोग याद आ जाते है
चलो अच्छा है
अब ये सुन्दर ग़ज़लें
पुरानी तसवीरें
अच्छी लगती है, मन हल्का कर देती है
नहीं
सन्नाटा ही रहने दो
रात ही रहने दो
बात निराली है इसकी
पुराने गाने भी
पर अजीब से लोग
अब रातें ठंडी होने लगी है यहाँ
यहाँ इस बड़े शहर में
हां, मन थोड़ा परेशान सा है अब
किस शहर को अपना बनाये?
किस शहर का हो जाए?
वही देर रात में, या फिर सुबह सुबह
जब लोग सो रहे होते है
और भरे सन्नाटे में,
जब रेलगाड़ी की सीटी सुनाई पड़ती है
मैं कई शहर की सैर कर लेता हु
कई लोग याद आ जाते है
चलो अच्छा है
अब ये सुन्दर ग़ज़लें
पुरानी तसवीरें
अच्छी लगती है, मन हल्का कर देती है
नहीं
सन्नाटा ही रहने दो
रात ही रहने दो
बात निराली है इसकी
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